गर्मी शुरू होते ही सभी को पसीने से परेशानी होने लगती है। कभी पसीने की बदबू आती हैं, तो कभी पसीने के कारण जलन होती है, कभी कपड़ों पर दाग पड़ जाते हैं। गर्मी में तो यह साधारण बात हैं, लेकिन कुछ लोगों को पसीने से हमेशा परेशानी होती है।
वैसे पसीना आना शरीर कीएक स्वाभाविक क्रिया है, जिससे शरीर का न सिर्फ तापमान नियंत्रित रहता हैं बल्कि शरीर की गंदगी भी दूर होती है। लेकिन जब यह जरुरत से ज्यादा आए या उसके कारण परेशानी बढ़ने लगे, तो उसका उपचार कराना आवश्यक होता हैं। पसीना भी कई प्रकार का होता है।
गंध के आधार पर पसीने के प्रकार-खट्टी गंध वाला पसीना, शहद कीगंध जैसा पसीना, प्याज की गंध जैसा पसीना, मीठी गंध वाला पसीना।
अंग के आधार पर पसीने के प्रकार- ज्यादातर लोगों कोपूरे शरीर में पसीना आता हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें शरीर के किसी खास भाग में ही पसीना आता है। जैसे- सिर्फ सिर में पसीना आना, (यहां तक कि तकिया भी गीला हो जाता है) सिर्फ माथे पर पसीना आना, सिर्फ चेहरे पर पसीना आना,सिर्फ नाक पर पसीना आना,सिर्फ बगल में पसीना आना, सिर्फ पेट या पीठ पर पसीना आना,सिर्फ गर्दन पर पसीना आना, सिर्फ हथेलियों या तलवे में पसीना आना, सिर को छोड़ सारे शरीर में पसीना आना।
इसके अलावा कुछ लोगो कोकुछ खास समय ही पसीना आता हैं। जैसे, सिर्फ सोते समय ही पसीना आना, जिस करवट लेते उसके दूसरी साइड पसीना आना,सो कर उठते ही पसीना आना, सिर्फ चलते समय ही पसीना आना, रात-दिन पसीना बहना,सिर्फ खाना खाते समय ही पसीना आए, नहा कर आते ही पसीना आना, जरा सी मेहनत करते ही पसीना आना, किसी रोग के बाद पसीना ज्यादा आना।
होम्योपैथिक उपचार होम्योपैथिक दवाइयों द्वारा पसीने से होने वाली इन परेशानियों को ना सिर्फ कम किया जा सकता हैं, बल्कि हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता है।
सिर में इतना पसीना आये कि तकिया तक गीला हो जाए केल्करिया-कार्ब(Calc-Carb)
पसीने में बहुत बदबू आए पेट्रोलियम(Petroleum),साईलीसिया(Silicea),स्टेफीसेग्रिया(Staphy)
माथे और चेहरे पर ठंडा पसीना आये वेरेट्रम-एल्बम(Verat-Album),बेन्जोइक-एसिड(Benz-Acid)
नाक पर पसीना आए चाइना(China)
बगल में पसीना आए पेट्रोलियम(Petroleum),बोविस्टा(Bovista)
हथेलियों में पसीना बहुत आए केल्करिया-कार्ब(Calc-Carb),कासटीकम(Causticum)
पैरों में पसीना आए पेट्रोलियम(Petroleum)
प्याज की गंध वाला पसीना बोविस्टा(Bovista)
पीले दाग छोड़ने वाला पसीना मर्क-सोल(Merc-Sol),काली-बायक्रोमेट(Kali-Bitch)
खाना खाते समय पसीना आना केल्करिया-कार्ब(Calc-Carb)
सिर को छोड़ कर सारे शरीर में पसीना आए तो, रस-टोक्स(Rhus-Tox)
बदबूदार पसीने के कारण सिर, माथा, गला, मुंह सब भींग जाते हों तो साईलीसिया(Silicea)
पसीना आना स्वाथ्य केलिए लाभदायक होता है लेकिन जरूरत से ज्यादा पसीना हानिकारक होता है। उसी तरह पसीना रुक जाने से भी स्वास्थ्य संम्बन्धी दिक्कतें होती हैं। पसीना रुक जाने से बुखार, जुकाम, दस्त, सूजन, गले में तकलीफ,शीत-पित्त आदि हो सकते हैं। इसके अलावा पसीने को डिओ वगैरह लगा के रोकने से फोड़े भी हो सकते हैं।
नोट- होम्योपैथी में रोग के कारण को दूर करके रोगी को ठीक किया जाता है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी हुई किसी भी दवा का उपयोग न करें। रोग और होम्योपथी दवा के बारे में और अधिक जानकारी के लिए अधिक जानकारी के लिए डॉ. सोनल चुघ से दिए गए नंबर +91-9876-857-068पर संपर्क करें | )
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